Tuesday, January 17, 2012

बेतमन्ना


तुमसे मिलना है, ए ज़िंदगी
ज़रा फ़ुर्सत तो पहचानो
कभी इस बेतमन्ना की
तमन्ना को भी तो जानो

तुम्हे सोचा किया करना
तुम्हारी राह यूँ तकना
तुम्हे ही ढूँढते रहना
हमारा काम है अब तो

की हम अब हैं ही तुमसे बस
ना हमको यूँ जुदा मानो

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